कटिहार/नीरज झा :----भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और कृषि कार्य के प्रयोग के लिए एक मात्र साधन गाय के बछड़े के रूप में किसान इससे पाला करते थे लेकिन कृषि कार्य में मशीनी प्रयोग ने इन गाय के बछड़ो को कृषि कार्य से दूर कर दिया जिसके कारण किसान खुला छोड़ देने के कारण दर्जनों गाय के बछड़े जो सांड बनकर किसानों राहगीरो के लिए यह एक आतंक का पर्याय बन गए हैं।
कटिहार के मनिहारी के कई पंचायतों में छुट्टा घूमने वाले सांड़ों से किसान के साथ साथ आम लोग भय के साये मे जीने को मजबूर हैं । मनिहारी के आदमपुरके साथ साथ मेदनीपुर के दर्जनों किसानो ने मनिहारी अनुमंडल पदाधिकारी रविकान्त सिन्हा को लिखित आवेदन देकर फसल के साथ साथ जान माल की रक्षा की गुहार लगाई है । किसान मो0 असलम , महेश प्रसाद यादव मोहम्मद तौफीक ने कहा किसानों की फसल को रात भर चरने का काम बछड़े और सांड मिलकर करते ही थे अब तो घर में घुस कर घर तोड़ देते है ।
इस ठंड में जान जोखिम में डालकर किसानों ने मिल कर 11 सांड को पकड़ कर बांध कर रखा है । किसान ने बताया कि इनमें एक सांड ने पिछले साल किसान को घायल कर दिया था जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी । किसानों ने कहा कि भीषण ठंड में रतजगा कर किसानों को फसल की रक्षा करनी पड़ रही है।
इस मामले को लेकर मनिहारी अनुमंडल पदाधिकारी रविकान्त सिन्हा ने कैमरे के समाने कुछ भी बोलने से कतराते रहे लेकिन किसानों के आवेदन को जिलाधिकारी और वन विभाग को भेज दिया गया है
अब देखना है किसानों के दर्द को जिले के आला अधिकारी और वन विभाग किस तरह और कितना जल्दी समाधान कर पाते है ।
©www.katiharmirror.com
कटिहार के मनिहारी के कई पंचायतों में छुट्टा घूमने वाले सांड़ों से किसान के साथ साथ आम लोग भय के साये मे जीने को मजबूर हैं । मनिहारी के आदमपुरके साथ साथ मेदनीपुर के दर्जनों किसानो ने मनिहारी अनुमंडल पदाधिकारी रविकान्त सिन्हा को लिखित आवेदन देकर फसल के साथ साथ जान माल की रक्षा की गुहार लगाई है । किसान मो0 असलम , महेश प्रसाद यादव मोहम्मद तौफीक ने कहा किसानों की फसल को रात भर चरने का काम बछड़े और सांड मिलकर करते ही थे अब तो घर में घुस कर घर तोड़ देते है ।
इस ठंड में जान जोखिम में डालकर किसानों ने मिल कर 11 सांड को पकड़ कर बांध कर रखा है । किसान ने बताया कि इनमें एक सांड ने पिछले साल किसान को घायल कर दिया था जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी । किसानों ने कहा कि भीषण ठंड में रतजगा कर किसानों को फसल की रक्षा करनी पड़ रही है।
इस मामले को लेकर मनिहारी अनुमंडल पदाधिकारी रविकान्त सिन्हा ने कैमरे के समाने कुछ भी बोलने से कतराते रहे लेकिन किसानों के आवेदन को जिलाधिकारी और वन विभाग को भेज दिया गया है
अब देखना है किसानों के दर्द को जिले के आला अधिकारी और वन विभाग किस तरह और कितना जल्दी समाधान कर पाते है ।
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