कटिहार/फलका/कुमार अमर :--फलका प्रखंड के हथवारा फुलडोभी वार्ड ना 04 में मवेशी पलको के दर्जनों मवेसी अजीब बीमारी से ग्रसित होन सेे मवेशी की मौत हो रही है और दर्जनों बीमार है जिससे किसान के घर मातमी सन्नटा से छा गया है साथ ही क्षेत्र में दूध की भारी किल्लत शुरू हो गई है ।
कृषि प्रधान देश होने के कारण मवेशी पालक कृषि कार्य के साथ-साथ जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत रहा है लेकिन अधिक गर्मी की वजह से मवेशी मे भी चमकने की बीमारी शुरू हो जाती है उसके वाद मवेशी छटपटाने लगता है धीरे धीरे मुँह से झाग निकलने लगता है और कुछ घंटों में ही मवेशी की मौत हो जाती |
जो किसान भेस और गे के दूध बेचकर घर का भरण पोषण करते थे आज उनकी पूंजी खत्म हो गई । किसान बताते हैं कि लोन पर पैसे उठाकर भेस खरीदे थे वो भी मर गया बीमारी से ग्रमीणों ने 10 वर्षीय युवक का सर से पिता का साया उठ गया है चार भेस को पालकर दूध बेचकर अपने छोटे भाई और बुजुर्ग माँ का भरण पोषण करता था आज उनके घर पर कहर बरपा हुआ है चारो मवेशी की मौत हो चुकी है । अंचलाधिकारी विकास अधिकारी मवेशी डॉक्टर मुखिया जी किसानों से मिल कर भरोसा दिया गया कि सरकार से जो भी मुआवजा होगी किसानों को दिया जाएगा साथ ही मवेशी डॉक्टर ने कहा यह कोई चमकी बीमारी नही है यह गल घोटु बीमारी है सरकार के तरफ से हर वर्ष इसके लिये मवेशियों का टीकाकरण कराया जाता है हर मवेशी पालक इसका टिका अवश्य दिला ले
©www.katiharmirror.com
कृषि प्रधान देश होने के कारण मवेशी पालक कृषि कार्य के साथ-साथ जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत रहा है लेकिन अधिक गर्मी की वजह से मवेशी मे भी चमकने की बीमारी शुरू हो जाती है उसके वाद मवेशी छटपटाने लगता है धीरे धीरे मुँह से झाग निकलने लगता है और कुछ घंटों में ही मवेशी की मौत हो जाती |
जो किसान भेस और गे के दूध बेचकर घर का भरण पोषण करते थे आज उनकी पूंजी खत्म हो गई । किसान बताते हैं कि लोन पर पैसे उठाकर भेस खरीदे थे वो भी मर गया बीमारी से ग्रमीणों ने 10 वर्षीय युवक का सर से पिता का साया उठ गया है चार भेस को पालकर दूध बेचकर अपने छोटे भाई और बुजुर्ग माँ का भरण पोषण करता था आज उनके घर पर कहर बरपा हुआ है चारो मवेशी की मौत हो चुकी है । अंचलाधिकारी विकास अधिकारी मवेशी डॉक्टर मुखिया जी किसानों से मिल कर भरोसा दिया गया कि सरकार से जो भी मुआवजा होगी किसानों को दिया जाएगा साथ ही मवेशी डॉक्टर ने कहा यह कोई चमकी बीमारी नही है यह गल घोटु बीमारी है सरकार के तरफ से हर वर्ष इसके लिये मवेशियों का टीकाकरण कराया जाता है हर मवेशी पालक इसका टिका अवश्य दिला ले
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