कटिहार: नीरज झा/ कृषि प्रधान देश होने के बावजूद किसान की माली हालत देश में सही नही है । परिवार की पेट की आग बुझाने के लिए किसान माँ तरह मानने वाले जमीन को छोड़ शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। अबतक तकरीबन 3 तीन लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है । किसानों के नाम पर सरकारे बनी और सत्ता का सुख भी पा लिया लेकिन किसान के आत्महत्या करने की वजह का किसी ने तलाशा करना मुनासिब नही समझा लेकिन जब हमने किसान के आत्म हत्या की वजह जानने की कोशिश की तो कई चौकाने वाली बाते सामने आई इसमे नकली खाद और बीज मुख्य वजह मानी गईं ।
कटिहार और इसके आसपास के जिलो में बंगाल से लोकल बीज खरीद कर अच्छी पैकेजिंग कर उचे दामो मे किसानों के हाथों बेची जाती है कटिहार के न्यूमार्केट स्थित दुकान दार गुड्डू कुमार सुपर कल्याणी के नाम से बेच रहे धान के बीज के बारे में जब पूछा तो बताया कि यहाँ किसान यही बीज माँगता है जब हमने पूछा तब इसका DNA रिपोर्ट भी नही होगा जो कृषि विभाग सेम्पल लेकर जाँच मे भेजती है जिसकी एक कॉपी बीज बेचने वाले दुकान दार के पास भी होनी चाहिए तो उन्होंने खुले शब्दो मे कहा यह बंगाल का लोकल धान का बीज है यहाँ का किसान यही मांगता है सामने किसान है पूछ सकते है लेकिन बिहार सरकार बिहार में बेचने पर रोक लगा रखी है तो कैसे विक्री हो रही है दबी जुवान से सिर्फ बेच रहे है कहकर चुप हो गये ।
इसके गुणवत्ता की गारंटी भगवान भरोसे होती है ।
बिहार सरकार ने बिहार मे मुख्य रूप से पाँच ब्रांडेट के धान के बीज बेचने का लाइसेंस निर्गत किया है जिनमे पान रिमूलिक कल्याणी हॉलमार्क और समला को ही बिहार में धान का बीज बेचने का लाइसेंस निर्गत किया है इन पाँच कंपनियों कंपनियों ने VV, BB11,GS1,7029और राजेन्द्र मंसूरी के नाम से अपना बीज पैकिंग कर बिहार के किसानों को बेचती है ।
बिहार में इन बीज को बेचने के लिये सबसे पहले बिहार के सभी जिलों के कृषि पदाधिकारी धान के बीज का सेम्पल लेकर डीएनए रिपोर्ट के लिये भेजते है जिससे यह पता चलता है कि जो बीज बाजार में बेची जा रही है उसकी गुणवत्ता या उपज केसी होगी लेकिन इन नकली बीज की कंपनी के पास यह रिपोर्ट भी नही होता है । जिले मे कई फर्जी ऒर नकली बीज की कंपनी जैसे सुपर कल्याणी, सिंघम जैसे दर्जनों कंपनी खुलेआम किसानों को ऐसे बीज बेच रही हैं जिसका बिहार में बेचने ना कोई कागजात होता है ना ही खरीद विक्री का कोई रसीद किसान को दी जाती |इससे बिहार सरकार को भारी राजस्व का चुना भी लगाया जाता रहा है इतना ही नही किसान से उची कीमत लेकर घटिया किश्म की बीज दे दी जाती है ।
वही एक दुकानदार बलराम प्रसाद से जब हमने जानना चाहा क्या सुपर कल्याणी जैसी दर्जनों कंपनियों के विज को बिहार सरकार ने बेचने का लाइसेंस दिया है उन्होंने कहा की हमे मालूम नही है यहाँ इसके डिस्टिब्यूटर है कटिहार के गामी टोला स्थित एन के फर्टिलाइजर ओर पटेल चौक पर शिव खाद विज भंडार वही हम लोगो को इस तरह का विज देते है । इन से भी जब हमने पूछा धान के DNA रिपोर्ट के बारे में तो उन्होंने खुले शब्दो मै कहा हैदरावाद से जो धान का विज आती है वो सही होता है बंगाल से जो काम करता है उसका सारा कागजात उनके पास होता है ।
जानकर किसान मो0 सज्जाद कहते है बिहार में किसान 15 दिनों का रोहणी नक्षत्र मे अपने खेत मे रोपनी के लिये धान का बिचड़ खेत में गिराते है इस पन्द्रह दिनों मे गलत धान का विज किसानों को बेचा जाता है और धान के विज के खरीद पर ना कोई कागजात ना कोई रसीद दी जाती है ।
गामी टोला स्थित एन के फटीलीज़र्स के प्रोपराइटर मनोज कतारुका से जब हमने जानना जहा की मार्केट के दुकानदार को सुपर कल्याणी जैसे कंपनी का धान आप के द्वारा दिया जाता है तो उन्होंने खुले शब्दो में कहा कि हमे पता नही कुछ नही जानते ही नही विभाग को भेजये जाँच कर लेगा हमारे यहाँ ।
इस मामले को लेकर कटिहार के जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने कहा विभाग द्वारा जारी अलावे अनाधिकृत रूप से अगर कोई विज बेचते है पकड़ा जायेगा तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी ऐसे सभी विज बेचने वाली कंपनियों का सेम्पल अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के द्वारा लिया गया है हम लोगों भी लेते रहते है सुपर कल्याणी धान के विज को अपने रेकॉर्ड मे देख लेते है अगर विभाग के द्वारा अधिकृत नही किया गया होगा और पकड़ा जायेगा तो कार्यवाही जरूर होगी ।
अब सवाल उठता है हर साल इस तरह का खाद बीज किसान महाजन से कर्ज लेकर मोटी रकम लगा कर खरीदता है दिन रात खेत में मेहनत मजदूरी कर अच्छी उपज की उमीद टकटकी लगाए रहता और उपज नही होने से महाजन का कर्ज और अपनी माली हालत खराब होने से किसान मौत को लगे लगा लेता है| कृषि विभाग को चाहिए कि ऐसे करोवारी को पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दे
©www.katiharmirror.com
कटिहार और इसके आसपास के जिलो में बंगाल से लोकल बीज खरीद कर अच्छी पैकेजिंग कर उचे दामो मे किसानों के हाथों बेची जाती है कटिहार के न्यूमार्केट स्थित दुकान दार गुड्डू कुमार सुपर कल्याणी के नाम से बेच रहे धान के बीज के बारे में जब पूछा तो बताया कि यहाँ किसान यही बीज माँगता है जब हमने पूछा तब इसका DNA रिपोर्ट भी नही होगा जो कृषि विभाग सेम्पल लेकर जाँच मे भेजती है जिसकी एक कॉपी बीज बेचने वाले दुकान दार के पास भी होनी चाहिए तो उन्होंने खुले शब्दो मे कहा यह बंगाल का लोकल धान का बीज है यहाँ का किसान यही मांगता है सामने किसान है पूछ सकते है लेकिन बिहार सरकार बिहार में बेचने पर रोक लगा रखी है तो कैसे विक्री हो रही है दबी जुवान से सिर्फ बेच रहे है कहकर चुप हो गये ।
इसके गुणवत्ता की गारंटी भगवान भरोसे होती है ।
बिहार सरकार ने बिहार मे मुख्य रूप से पाँच ब्रांडेट के धान के बीज बेचने का लाइसेंस निर्गत किया है जिनमे पान रिमूलिक कल्याणी हॉलमार्क और समला को ही बिहार में धान का बीज बेचने का लाइसेंस निर्गत किया है इन पाँच कंपनियों कंपनियों ने VV, BB11,GS1,7029और राजेन्द्र मंसूरी के नाम से अपना बीज पैकिंग कर बिहार के किसानों को बेचती है ।
बिहार में इन बीज को बेचने के लिये सबसे पहले बिहार के सभी जिलों के कृषि पदाधिकारी धान के बीज का सेम्पल लेकर डीएनए रिपोर्ट के लिये भेजते है जिससे यह पता चलता है कि जो बीज बाजार में बेची जा रही है उसकी गुणवत्ता या उपज केसी होगी लेकिन इन नकली बीज की कंपनी के पास यह रिपोर्ट भी नही होता है । जिले मे कई फर्जी ऒर नकली बीज की कंपनी जैसे सुपर कल्याणी, सिंघम जैसे दर्जनों कंपनी खुलेआम किसानों को ऐसे बीज बेच रही हैं जिसका बिहार में बेचने ना कोई कागजात होता है ना ही खरीद विक्री का कोई रसीद किसान को दी जाती |इससे बिहार सरकार को भारी राजस्व का चुना भी लगाया जाता रहा है इतना ही नही किसान से उची कीमत लेकर घटिया किश्म की बीज दे दी जाती है ।
वही एक दुकानदार बलराम प्रसाद से जब हमने जानना चाहा क्या सुपर कल्याणी जैसी दर्जनों कंपनियों के विज को बिहार सरकार ने बेचने का लाइसेंस दिया है उन्होंने कहा की हमे मालूम नही है यहाँ इसके डिस्टिब्यूटर है कटिहार के गामी टोला स्थित एन के फर्टिलाइजर ओर पटेल चौक पर शिव खाद विज भंडार वही हम लोगो को इस तरह का विज देते है । इन से भी जब हमने पूछा धान के DNA रिपोर्ट के बारे में तो उन्होंने खुले शब्दो मै कहा हैदरावाद से जो धान का विज आती है वो सही होता है बंगाल से जो काम करता है उसका सारा कागजात उनके पास होता है ।
जानकर किसान मो0 सज्जाद कहते है बिहार में किसान 15 दिनों का रोहणी नक्षत्र मे अपने खेत मे रोपनी के लिये धान का बिचड़ खेत में गिराते है इस पन्द्रह दिनों मे गलत धान का विज किसानों को बेचा जाता है और धान के विज के खरीद पर ना कोई कागजात ना कोई रसीद दी जाती है ।
गामी टोला स्थित एन के फटीलीज़र्स के प्रोपराइटर मनोज कतारुका से जब हमने जानना जहा की मार्केट के दुकानदार को सुपर कल्याणी जैसे कंपनी का धान आप के द्वारा दिया जाता है तो उन्होंने खुले शब्दो में कहा कि हमे पता नही कुछ नही जानते ही नही विभाग को भेजये जाँच कर लेगा हमारे यहाँ ।
इस मामले को लेकर कटिहार के जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने कहा विभाग द्वारा जारी अलावे अनाधिकृत रूप से अगर कोई विज बेचते है पकड़ा जायेगा तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी ऐसे सभी विज बेचने वाली कंपनियों का सेम्पल अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के द्वारा लिया गया है हम लोगों भी लेते रहते है सुपर कल्याणी धान के विज को अपने रेकॉर्ड मे देख लेते है अगर विभाग के द्वारा अधिकृत नही किया गया होगा और पकड़ा जायेगा तो कार्यवाही जरूर होगी ।
अब सवाल उठता है हर साल इस तरह का खाद बीज किसान महाजन से कर्ज लेकर मोटी रकम लगा कर खरीदता है दिन रात खेत में मेहनत मजदूरी कर अच्छी उपज की उमीद टकटकी लगाए रहता और उपज नही होने से महाजन का कर्ज और अपनी माली हालत खराब होने से किसान मौत को लगे लगा लेता है| कृषि विभाग को चाहिए कि ऐसे करोवारी को पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दे
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