कटिहार:डंडखोरा:नीरज झा :कटिहार के डंडखोरा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय संगत टोला के गायब रहे शिक्षक को गलत तरीके से BRP नियुक्त करने के मामले की खबर छापने के वाद शिक्षक शशिकांत पटवे विद्यालय मे योगदान कर लिया गया ।
लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है 31मार्च 2018 से पहले तक मैथ के विषय पर BRP रहे शशिकान्त पटवे को आखिर किस आदेश से दूसरे सब्जेक्ट का BRP बनाये रखा आखिर क्या वजह रही कि सारे नियम शर्तो को ताख पर रख कर इतना बड़ा फैसला लिया गया ।
डीपीओ ब्रजेश कुमार से जब पूछा गया कि कोई आदेश दिया गया है BRP को विद्यालय योगदान के लिए उन्होंने कहा जिला से कोई भी आदेश निर्गत नहीं हुआ है। अब जाँच का विषय है किस आदेश से शिक्षक से बीआरपी और बीआरपी से शिक्षक बने । पूछे गये सवाल पर समग्र शिक्षा अभियान के आला क्या कर रहे थे जब BRP बना ब्यक्ति इसके लिए योग्य नही है और कैसे स्थापना विभाग के DPO ने इनको बेतन देते रहे जबकि इनका सेल्फी भी नही आरहा फरार डीपीओ ब्रजेश ने कहा जाँच किया जा रहा है दोषी के ऊपर कार्यवाही जरूर होगी ।
इस मामले में एक जानकारी यह भी आरही है BRC बनने के दिशा निर्देश विगत पांच साल पहले से है फिर तकरिवान 15 वर्षो सेे BRP कैसे है । दूसरा पहलू और भी है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जाँच प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से करने की बात कही है अब सवाल उठता है जिन अधिकारियों पर फर्जी तरीके से बीआरपी नियुक्त कर शिक्षक को बचाने का आरोप लग रहा हो जांच भी उन्हीं से कैसे कराई जा सकती है कही इस मामले की लीपापोती या बचाने की कोसिस तो नहीं की जा रही है
©www.katiharmirror.com
लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है 31मार्च 2018 से पहले तक मैथ के विषय पर BRP रहे शशिकान्त पटवे को आखिर किस आदेश से दूसरे सब्जेक्ट का BRP बनाये रखा आखिर क्या वजह रही कि सारे नियम शर्तो को ताख पर रख कर इतना बड़ा फैसला लिया गया ।
डीपीओ ब्रजेश कुमार से जब पूछा गया कि कोई आदेश दिया गया है BRP को विद्यालय योगदान के लिए उन्होंने कहा जिला से कोई भी आदेश निर्गत नहीं हुआ है। अब जाँच का विषय है किस आदेश से शिक्षक से बीआरपी और बीआरपी से शिक्षक बने । पूछे गये सवाल पर समग्र शिक्षा अभियान के आला क्या कर रहे थे जब BRP बना ब्यक्ति इसके लिए योग्य नही है और कैसे स्थापना विभाग के DPO ने इनको बेतन देते रहे जबकि इनका सेल्फी भी नही आरहा फरार डीपीओ ब्रजेश ने कहा जाँच किया जा रहा है दोषी के ऊपर कार्यवाही जरूर होगी ।
इस मामले में एक जानकारी यह भी आरही है BRC बनने के दिशा निर्देश विगत पांच साल पहले से है फिर तकरिवान 15 वर्षो सेे BRP कैसे है । दूसरा पहलू और भी है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जाँच प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से करने की बात कही है अब सवाल उठता है जिन अधिकारियों पर फर्जी तरीके से बीआरपी नियुक्त कर शिक्षक को बचाने का आरोप लग रहा हो जांच भी उन्हीं से कैसे कराई जा सकती है कही इस मामले की लीपापोती या बचाने की कोसिस तो नहीं की जा रही है
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