कटिहार:नीरज झा:बिहार के सीमांचल दौरे पर कटिहार पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी का दो दिवसीय दौरा आज सम्पन्न हुआ है|शंकराचार्य के द्वारा जिला के महत्वपूर्ण यज्ञशाला मैदान और बीजेपी एमएलसी अशोक अग्रवाल के निवास स्थान पर धर्मगोष्ठी और आध्यात्मिक कार्यक्रम किया गया.|
जगद्गुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती के आध्यात्मिक कार्यक्रमों में अलग-अलग 31 धार्मिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया|समापन के बाद प्रेस वार्ता में शंकराचार्य ने राम मंदिर मुद्दा-हिंदुत्व और राजनेताओं पर जमकर बरसे |
जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि रामजन्म भूमि-काशी विश्वनाथ और मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि को लेकर राजनीतिक दलों में उदासीनता है,नास्तिकता का तांडव नृत्य हो रहा है |नास्तिकता के प्रचार-प्रसार आम लोगों को भी घर कर गया है ||धार्मिक कार्यकर्ता की अपेक्षा कि राम मंदिर यथाशीघ्र बने यथा स्थान लेकिन राजनेता को अपने शासन को अल्पसंख्यकों से तालमेल की पड़ी है |.आज के राजनेताओं में है मनोबल की कमी है |कांग्रेसियों के द्वारा वायसराय की मूर्तियां दिल्ली के चौराहे पर पार्को में थी और कांग्रेस ने हटाया था, कांग्रेसियो ने मूर्ति को हटाते हुए कहा था कि हमारे भावना को ठेस पहुँचती है
विभाजन के बाद देश में रखे गए तत्व का शिकंजा, भारतीय संविधान में देश में हिन्दू अबतक नही है नम्बर एक नागरिक इसलिए अपने अस्तित्व और आदर्श की रक्षा नहीं हो रही. है|साधु-संतों के अधिकृत धार्मिक जगत के प्रश्न-सांस्कृतिक औऱ धार्मिक विभाग को भी कोर्ट के द्वारा छीन लिया राजनीतिक दलों ने| जबकि विश्व का 1/4 हिस्सा एक आचार्य शंकराचार्य के शासन क्षेत्र में होता है,|संतों को बांध रखा है पार्टी के अंदर|राजनीतिक दल जब अपने दायित्व नहीं कर पाएंगे तब हमलोग करेंगे,|आज राम लला क्यों तम्बू में हैं?राष्ट्र रक्षा के लिए हम जागरूक है|
उन्होंने ये भी कहा की..राजनेताओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता है |राजनेता राम के नाम पर वोट मांगतेहैं, राम नाम पर वोट नहीं मिलने पर और किसी के नाम पर मांगेंगे|
©www.katiharmirror.com
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Jagadguru Shankaracharya Nichalanand Saraswati at katihar |
जगद्गुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती के आध्यात्मिक कार्यक्रमों में अलग-अलग 31 धार्मिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया|समापन के बाद प्रेस वार्ता में शंकराचार्य ने राम मंदिर मुद्दा-हिंदुत्व और राजनेताओं पर जमकर बरसे |
जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि रामजन्म भूमि-काशी विश्वनाथ और मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि को लेकर राजनीतिक दलों में उदासीनता है,नास्तिकता का तांडव नृत्य हो रहा है |नास्तिकता के प्रचार-प्रसार आम लोगों को भी घर कर गया है ||धार्मिक कार्यकर्ता की अपेक्षा कि राम मंदिर यथाशीघ्र बने यथा स्थान लेकिन राजनेता को अपने शासन को अल्पसंख्यकों से तालमेल की पड़ी है |.आज के राजनेताओं में है मनोबल की कमी है |कांग्रेसियों के द्वारा वायसराय की मूर्तियां दिल्ली के चौराहे पर पार्को में थी और कांग्रेस ने हटाया था, कांग्रेसियो ने मूर्ति को हटाते हुए कहा था कि हमारे भावना को ठेस पहुँचती है
विभाजन के बाद देश में रखे गए तत्व का शिकंजा, भारतीय संविधान में देश में हिन्दू अबतक नही है नम्बर एक नागरिक इसलिए अपने अस्तित्व और आदर्श की रक्षा नहीं हो रही. है|साधु-संतों के अधिकृत धार्मिक जगत के प्रश्न-सांस्कृतिक औऱ धार्मिक विभाग को भी कोर्ट के द्वारा छीन लिया राजनीतिक दलों ने| जबकि विश्व का 1/4 हिस्सा एक आचार्य शंकराचार्य के शासन क्षेत्र में होता है,|संतों को बांध रखा है पार्टी के अंदर|राजनीतिक दल जब अपने दायित्व नहीं कर पाएंगे तब हमलोग करेंगे,|आज राम लला क्यों तम्बू में हैं?राष्ट्र रक्षा के लिए हम जागरूक है|
उन्होंने ये भी कहा की..राजनेताओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता है |राजनेता राम के नाम पर वोट मांगतेहैं, राम नाम पर वोट नहीं मिलने पर और किसी के नाम पर मांगेंगे|
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