कटिहार/कदवा/जितेंद्र कुमार :----कटिहार के कदवा प्रखंड में आज लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के संध्याअर्घ्य आरंभ हुआ । 36 घंटे तक निर्जला उपवास कर प्रति भगवान भास्कर को अर्घ देते है ।
इस पर्व का अनुष्ठान में सर्व प्रथम छठ घाट की सफाई नहाय खाय होती है फिर खरना होता है खरना के दिन महा प्रसाद के रूप में पूरी, खीर ,रसिया ,केला फल अपने घरो मे बना कर मिठाई भगवान सूर्य देव को प्रसाद के रूप में अर्पित करते है ।
सुबह के अर्घ्य के वाद इस माह प्रसाद बांटते हैं इस पर्व में साफ सफाई पवित्रता पर विशेष ध्यान रखा जाता है यह पर्व जिनके घर मनाया जाने से आस पड़ोस में चैती छठ का महापर्व के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो होता गया है |
आज के दिन संध्या कालीन सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाना है डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दान देने की परंपरा है शुक्रवार के प्रातः समय उगते हुए सूरज को अर्घ्य दान देकर पर्व की समाप्ति होगी।
www.katiharmirror.com
इस पर्व का अनुष्ठान में सर्व प्रथम छठ घाट की सफाई नहाय खाय होती है फिर खरना होता है खरना के दिन महा प्रसाद के रूप में पूरी, खीर ,रसिया ,केला फल अपने घरो मे बना कर मिठाई भगवान सूर्य देव को प्रसाद के रूप में अर्पित करते है ।
सुबह के अर्घ्य के वाद इस माह प्रसाद बांटते हैं इस पर्व में साफ सफाई पवित्रता पर विशेष ध्यान रखा जाता है यह पर्व जिनके घर मनाया जाने से आस पड़ोस में चैती छठ का महापर्व के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो होता गया है |
आज के दिन संध्या कालीन सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाना है डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दान देने की परंपरा है शुक्रवार के प्रातः समय उगते हुए सूरज को अर्घ्य दान देकर पर्व की समाप्ति होगी।
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