...महिला दिवस पर खास
कटिहार/फलका वक्त लम्हों की बांह पकड़ कर आज कहां पहुंच गया है । 21वीं सदी के 19वें वर्ष में महिला ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी कसौटी पर खरा उतर कर अपनी प्रतिभा का उदाहरण कायम कर रही है । नारी आज कई रूपों में आकर जिंदगी के हर मोड़ पर एक से एक उपलब्धि अर्जित कर रही है । और इसमें कोई शक नहीं कि चाहे वह सरकारी सेवा में हो या फिर सामाजिक सेवा के क्षेत्र में या फिर ममता की देवी के रूप में हर जगह अपनी समझ के साथ समझदारी का परिचय पेश कर रही हैं |
एक जमाना था जब लड़कियां घुंघट में होती थी । आज वह अपने अधिकार को जान गई है । पहले विरले ही कोई लड़कियां साइकिल पर चढ़ने में शर्म आती थी मगर आज साइकिल व मोटरसाइकिल पर बेटियां उड़ चली है। आज बेटियां में आसमान छूने की ललक प्रबल हो उठी हैं । महिलाओं और युवतियों में आये बदलाव से परिवारिक और जरुरी कार्यो में आधी आबादी की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। शहरों के साथ-साथ गांव की बेटियां भी समाज बदलाव की साक्षी बन रही है प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय फलका की छात्रा प्रीति कुमारी , काजल कुमारी , नूतन कुमारी , सोनी कुमारी सहित अन्य छात्राएं भी बदलाव से खुश हैं ,कहती है कि पहले इन्हें स्कूल जाने मैं बस और क्या पैदल जाना पड़ता था । 3या चार किलोमीटर तक पैदल यात्रा कर स्कूल पहुंचते थे ।लेकिन अब तो खुद से साइकिल पर चढ़कर दूरियों को कम किया है ।
बरहाल महिलाओं में सामाजिक बदलाव को सलाम।
©www.katiharmirror.com
कोई टिप्पणी नहीं
टिप्पणी पोस्ट करें