कटिहार:सालमारी:कुमार नीरज :कटिहार जिले मे महाशिवरात्रि को लेकर पूरा सूबा शिवमय हो गया है। क्षेत्र के सभी शिव मंदिरों मे श्रद्धालुओं की लम्बी भीड़ उमड़ रही है ।
कटिहार जिले के सालमारी स्थित गोरखनाथ शिव मंदिर में सोमवार को महाशिवरात्रि को लेकर मंदिरों में जनसैलाब उमड़ पड़ा है और हर हर महादेव जय बाबा भोलेनाथ के उदघोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया वहीं
गोरखनाथ मंदिर आयी नूतन झा ने बताया कि मै लगातार 25 वर्षों से आ रही हूं धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप यहाँ आने वाले शिव भक्तों के सभी दुख दर्द को भगवान भोले नाथ हर लेते है ।
धार्मिक मान्यताओं मे अपना विशेष महत्वपूर्ण स्थान होने के कारण शिब भक्त इससे छोटी देवघर के नाम से जानने लगे है ।मंदिर कमिटी के सदस्य अक्षय सिंह ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर प्राचीन समय से ही महत्वपूर्ण रहा है जो भक्त सच्चे मन से यहाँ आते है उनकी इच्छा पूर्ण होती है उन्होंने आगे कहा अब तक पच्चीस से तीस हजार लोग अबतक छोटी देबघर के नाम से जाने जानी वाली मंदिर मे आकर जलाभिषेक कर विधान के साथ पूजा अर्चना व जल अर्पण कर चुके हैं |
शिव भक्तों द्वारा उपवास करते हुए पूरे आस्था और श्रद्धा के साथ शिव जी के मंदिर में जल धारी कर अपने मनोवांछित फल की कामना करेंगे इस मौके श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होने के कारण अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर बारसोई के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार को मंदिर मे परिनियुक्त कर हजारो श्रद्धालुओं के लिये देख रेख की ब्यवस्था की है । महाशिवरात्रि के बारे में जानकर बताते है की शिव पुराण मे सृष्टि के निर्माण के वक्त महाशिवरात्रि के मध्य रात्रि की मध्य रात्रि में शिवजी का रूद्र रूप प्रकट हुआ था महा शिवरात्रि के विषय में मान्यता है कि इस दिन बाबा भोलेनाथ का अंश प्रत्येक शिवलिंग में पूरे दिन और रात भर मौजूद रहता है|
इस दिन उपवास व्रत एवं पूजा करने से भगवान शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं आगे बताया शिव ही आदि देवता हैं शिव ही आत्मा है और जीव भी शिव से बढ़कर दूसरा कोई नहीं वैसे तो शिवरात्रि प्रत्येक महीने आती है फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि कहा जाता है शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते हैं।
©www.katiharmirror.com
कटिहार जिले के सालमारी स्थित गोरखनाथ शिव मंदिर में सोमवार को महाशिवरात्रि को लेकर मंदिरों में जनसैलाब उमड़ पड़ा है और हर हर महादेव जय बाबा भोलेनाथ के उदघोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया वहीं
गोरखनाथ मंदिर आयी नूतन झा ने बताया कि मै लगातार 25 वर्षों से आ रही हूं धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप यहाँ आने वाले शिव भक्तों के सभी दुख दर्द को भगवान भोले नाथ हर लेते है ।
धार्मिक मान्यताओं मे अपना विशेष महत्वपूर्ण स्थान होने के कारण शिब भक्त इससे छोटी देवघर के नाम से जानने लगे है ।मंदिर कमिटी के सदस्य अक्षय सिंह ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर प्राचीन समय से ही महत्वपूर्ण रहा है जो भक्त सच्चे मन से यहाँ आते है उनकी इच्छा पूर्ण होती है उन्होंने आगे कहा अब तक पच्चीस से तीस हजार लोग अबतक छोटी देबघर के नाम से जाने जानी वाली मंदिर मे आकर जलाभिषेक कर विधान के साथ पूजा अर्चना व जल अर्पण कर चुके हैं |
शिव भक्तों द्वारा उपवास करते हुए पूरे आस्था और श्रद्धा के साथ शिव जी के मंदिर में जल धारी कर अपने मनोवांछित फल की कामना करेंगे इस मौके श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होने के कारण अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर बारसोई के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार को मंदिर मे परिनियुक्त कर हजारो श्रद्धालुओं के लिये देख रेख की ब्यवस्था की है । महाशिवरात्रि के बारे में जानकर बताते है की शिव पुराण मे सृष्टि के निर्माण के वक्त महाशिवरात्रि के मध्य रात्रि की मध्य रात्रि में शिवजी का रूद्र रूप प्रकट हुआ था महा शिवरात्रि के विषय में मान्यता है कि इस दिन बाबा भोलेनाथ का अंश प्रत्येक शिवलिंग में पूरे दिन और रात भर मौजूद रहता है|
इस दिन उपवास व्रत एवं पूजा करने से भगवान शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं आगे बताया शिव ही आदि देवता हैं शिव ही आत्मा है और जीव भी शिव से बढ़कर दूसरा कोई नहीं वैसे तो शिवरात्रि प्रत्येक महीने आती है फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि कहा जाता है शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते हैं।
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