कटिहार/नीरज झा :--- एनसीपी को छोड़ कॉंग्रेस का दामन थामने वाले कटिहार सांसद तारिक अनवर ने कटिहार में अपने निजी आवास सदभावना भवन पर एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन कर चर्चित राफेल मुद्दा और मुलायम सिंह यादव का मोदी प्रेम को लेकर अपनी और पार्टी का पक्ष रखा है ।
उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट देखने से पूर्ण नही है यह स्पष्ट नही होता है कि जो राफाल का सौदा हुआ उसका सही मायनों में क्या कीमत थी और 2007 और 2016 के तुलनात्मक जो कीमत है उसके फर्क के बारे में उसमे इसकी कोई जिक्र नही किया गया है सिर्फ इतना कहा गया कि यूपीए के वक्त जो सौदा तय हुआ..उससे 2.8% कम है जो मैं समझता हूं कि हकीकत ये है के बहुत सारे फ्रेंच गोरवमेंट को उसकी सरकार जो वहाँ रफेल बनाने वाली कंपनी जिसको दिया गया बैंक गारेंटी से उसे वंचित किया गया ऐसी कई सुविधाएं दी गयी जोकि ऐसे सौदे में नही होता है और उसका लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई ।2007 में जो सौदा हुआ था वो 2015 में उसे कैंसिल क्यो किया गया और कैंसिल करने के बाद उस सौदे को 15 दिन के अंदर उस सौदे को बहाल कर दिया गया ये आखिर इसके क्या कारण हुवा इसको भी स्पष्ट नही किया गया है |
दूसरा ये है कि दूसरी जो कम्पनी थी जो एल 2 थी..और उसमें ये कहा था सरकार को ऑफर किया था कि हम 20 % जो हमने कोट किया है उस पर कम पर हम लड़ाकू जहाज देने को तैयार है लेकिन उसको इस सरकार ने नही लिया अगर उसको लिया होता तो आज 20 % कीमत कम होती अगर वर्तमान ओपोजिशन पार्टियां ये चाहती है कि जेपीसी बने तो फिर जेपीसी बनने से तमाम चीजे स्पष्ठ होगी बोफोर्स के मामले में जेपीसी बन सकता है तो रेफाल के मामले में क्यों नही
मुलायम सिंह यादव का मोदी प्रेम पर बोले सांसद तारिक अनवर
मैं तो समझता हूं कि ये उनकी उमर का असर है नही तो ऐसी कोई बात नही है उनकी पार्टी तो स्पष्ट है उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी यादव वो तो भारतीय जनता पार्टी को हराने का संकल्प ले रखा है और दूसरी तरफ वो कह रहे है कि हम दोबारा प्रधानमंत्री जी के रूप में देखना चाहते है नरेंद्र मोदी जी को|
©www.katiharmirror.com
उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट देखने से पूर्ण नही है यह स्पष्ट नही होता है कि जो राफाल का सौदा हुआ उसका सही मायनों में क्या कीमत थी और 2007 और 2016 के तुलनात्मक जो कीमत है उसके फर्क के बारे में उसमे इसकी कोई जिक्र नही किया गया है सिर्फ इतना कहा गया कि यूपीए के वक्त जो सौदा तय हुआ..उससे 2.8% कम है जो मैं समझता हूं कि हकीकत ये है के बहुत सारे फ्रेंच गोरवमेंट को उसकी सरकार जो वहाँ रफेल बनाने वाली कंपनी जिसको दिया गया बैंक गारेंटी से उसे वंचित किया गया ऐसी कई सुविधाएं दी गयी जोकि ऐसे सौदे में नही होता है और उसका लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई ।2007 में जो सौदा हुआ था वो 2015 में उसे कैंसिल क्यो किया गया और कैंसिल करने के बाद उस सौदे को 15 दिन के अंदर उस सौदे को बहाल कर दिया गया ये आखिर इसके क्या कारण हुवा इसको भी स्पष्ट नही किया गया है |
दूसरा ये है कि दूसरी जो कम्पनी थी जो एल 2 थी..और उसमें ये कहा था सरकार को ऑफर किया था कि हम 20 % जो हमने कोट किया है उस पर कम पर हम लड़ाकू जहाज देने को तैयार है लेकिन उसको इस सरकार ने नही लिया अगर उसको लिया होता तो आज 20 % कीमत कम होती अगर वर्तमान ओपोजिशन पार्टियां ये चाहती है कि जेपीसी बने तो फिर जेपीसी बनने से तमाम चीजे स्पष्ठ होगी बोफोर्स के मामले में जेपीसी बन सकता है तो रेफाल के मामले में क्यों नही
मुलायम सिंह यादव का मोदी प्रेम पर बोले सांसद तारिक अनवर
मैं तो समझता हूं कि ये उनकी उमर का असर है नही तो ऐसी कोई बात नही है उनकी पार्टी तो स्पष्ट है उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी यादव वो तो भारतीय जनता पार्टी को हराने का संकल्प ले रखा है और दूसरी तरफ वो कह रहे है कि हम दोबारा प्रधानमंत्री जी के रूप में देखना चाहते है नरेंद्र मोदी जी को|
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