सीनियर कोरेस्पोंडेंट नीरज झा :आप के माता पिता ने आपका दो नाम रखा और आपने आधार से गलत नाम को हटा कर सही नाम का आधार कार्ड करवाया है तो सावधान हो जाये क्यों कि बिहार के सुशासन बाबू के आला अधिकारी आपको जेल की हवा खिला सकते है ।
जिस आधार कार्ड मैं नाम बदलना सरकार ने कानूनी मान्यता दे रखा है उसी आधार कार्ड को लेकर कटिहार जिले के अधिकारी जिंदा इंसान को मुर्दा बता कर धोखाधड़ी करने का मामला बनाकर जेल की हवा खाने को भेज सकते है ।
कटिहार के मनिहारी प्रखंड के मेदनी पुर के रहने वाले विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब दो नाम इनके माता पिता ने बड़े प्यार से रखा होगा लेकिन आज इन्ही दो नामो के चलते महीनों तक जेल की हवा खा चुके है ।
विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब अपने मित्र राम नाथ यादब के साथ 1.57 एकड़ जमीन निबंधित संख्या 2475 वर्ष 1961 मैं खरीद की गई थी इस जमीन को आपसी बटवारे के वाद साढ़े 87 डिसमिल जमीन विजय प्रकाश उर्फ झगरु को मिला जिसे अंचल कार्यालय मनिहारी मैं नामांतरण कर अपने परिवार के साथ जीवन वसर करने लगे लेकिन बुजुर्ग बिजय प्रकाश उर्फ झगरू यादब ने अपनी खरीदी जमीन को 15/09/17 को आपसी पंचनामा बटवारा कर अपने दोनो पुत्रों के नाम से जमावंदी मनिहारी अंचल कार्यालय मैं करवाने को लेकर एक लिखित आवेदन दिया था ।
लेकिन इनके अपने सहोदर भाई मंगरु यादब उर्फ सदानंद यादब ने एक परिवाद पत्र संख्या 337 कटिहार न्यायालय मैं दायर कर आरोप लगाया कि मेरे भाई बिजय प्रकाश् यादब की मौत 6 वर्ष के उम्र मैं ही होगयी थी आरोप लगाया कि एक ही आधार नंबर पर दो अलग अलग नाम दर्ज जमीन हड़पने चाहते है ।
बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के सुशासन बाबू की पुलिस ने परिवाद पत्र दायर मामले मैं मनिहारी थाना मैं कांड दर्ज कर पिता पुत्र दो लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया ना कोई जाँच ना कोई फैसला ना कोई कागजात देखने की जरूरत मंगरु यादब उर्फ सदानंद यादब के आरोप को सही मानते हुये की छह साल की उम्र मैं विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब की मौत को सही माना और आनन फानन मैं पकड़ कर हवालात मैं डाल दिया गया इतना ही नही मनिहारी अंचला अधिकारी ने भी आधार कार्ड मैं नाम बदलना गुनाह मानते हुये 420 का मामला मानते हुये एफआईआर की पेशकस करडाली मनिहारी डीएसपी उमा शंकर प्रसाद सिंह ने भी आरोप सही मानते हुये दोनो पिता पुत्र को पकड़ कर जेल भेज दिया जबकि जिंदा बिजय प्रकाश उर्फ झगरू यादब के 6/10 /17 मे बने वंशावली मे अंचलधिकारी के यहां से निर्गत वंशावली मैं आवेदन कर्ता को जीवित तथा विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब का एक ही नाम एक ही ब्यक्ति बताया गया है इतना ही नही इनके तीन भाई बहन ने कटिहार न्ययालय मे हलफनामा देकर विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब का दो नाम और जिंदा होने की बात बताई गई साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधि मुखिया सरपंच और वार्ड मेम्बर ने भी विजय प्रकाश यादब उर्फ झगरू यादब एक ही ब्यक्ति है लिखित रूप से बताया है ।
कटिहार पुलिस प्रशासन एवं अंचल पदाधिकारी पर उंगली उठना लाजिम है की बगैर तथ्य की जांच किए निर्दोष को जेल के सलाखों के पीछे भेजने एवं अपने पद का दुरुपयोग करने का गंभीर मामला उजागर हुआ है प्रशासन की अन्याय पूर्ण कार्रवाई से पिड़ित के बच्चे तक डरे एवं सहमे हुए हैं अनजान लोगों को देख कर डरे सहमे हुये है । इस मामले मे कटिहार के पुलिस कप्तान बिकाश कुमार ने कहा हमारे जानकारी मैं नही है अगर पीड़ित लिखित शिकायत करता है तो जाँच कराई जायेगी अब देखना दिलचस्प होगा कि मीडिया के संज्ञान मैं आने के बाद क्या पीड़ित को न्याय मिलता है या फिर यू ही बात आई गयी हो जाएगी
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