कटिहार/ बरारी/नरेश चौधरी :--कटिहार के बरारी के काढ़ागोला गंगा घाट स्पर संख्या 7 /8 /9 के बीच कटाव काफी तेजी से हो रहा है जिसका खामियाजा गरीब किसान को भुगतना पड़ रहा है| 1970 से लेकर अब तक कई बार गंगा के कटाव से लोग घर दुवार छोड़ कर गंगा के कटाव से भागते जा रहे है लेकिन सरकार का ध्यान इस गरीब किसान के तरफ अभी तक नहीं पड़ा |जिसका नतीजा आज सैकड़ों किसान सड़क के किनारे बांध के किनारे रहने को मजबूर हैं |
तीनों स्पर पर पिछले सात करोड़ की लागत से कटाव स्थल पर जिओ वेग मैं मिट्टी भरकर बिछाया गया था । आम लोगो को गंगा के कटाव से बचाने जान माल की क्षति रोकने को लेेकर जहां पैसे भेजकर गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ अच्छा काम हो |लेकिन धरातल पर देखा जाये तो केवल जिओ बैग बिछाकर छोड़ दिया गया|उसे रस्सी या लोहै के जाल से बैंड करना था लेकिन ऐसा नहीं किया जिसका नतीजा आज स्पर संख्या आठ पर कटाव का खतरा मंडराने लगी वहीं किसान काफी चिंतित है क्योंकि काला हीरा के नाम से अपनी पहचान रखने वाले कलाई फसल अब पकने लगा है एक तरफ अपराधी संगठित हो रहे है तो दूसरी तरफ कटाव फसल को नुकसान हो रहा है
तीनों स्पर पर पिछले सात करोड़ की लागत से कटाव स्थल पर जिओ वेग मैं मिट्टी भरकर बिछाया गया था । आम लोगो को गंगा के कटाव से बचाने जान माल की क्षति रोकने को लेेकर जहां पैसे भेजकर गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ अच्छा काम हो |लेकिन धरातल पर देखा जाये तो केवल जिओ बैग बिछाकर छोड़ दिया गया|उसे रस्सी या लोहै के जाल से बैंड करना था लेकिन ऐसा नहीं किया जिसका नतीजा आज स्पर संख्या आठ पर कटाव का खतरा मंडराने लगी वहीं किसान काफी चिंतित है क्योंकि काला हीरा के नाम से अपनी पहचान रखने वाले कलाई फसल अब पकने लगा है एक तरफ अपराधी संगठित हो रहे है तो दूसरी तरफ कटाव फसल को नुकसान हो रहा है
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