कटिहार के कदवा प्रखंड अतंर्गत बैनी जलालपुर जहाँ मुगलकाल कि प्राचीन मंदिर जो कई वषों सें देख रेख के आभाव मैं खंडहर में तब्दील होते जा रही हैं। स्थानीय ग्रामीण जय नारायण शर्मा बताते है यह मंदिर पहले चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ था |यह मंदिर स्थानीय लोगो के लिये शक्ति पीठ के रूप मे जाना जाता है |
पहले किसी को पता नहीं होने के कारण ये मंदिर काफी जंगली,पेड़ो सें घिरा हुआ था। जब लोगो ने जंगल साफ सफाई की तो देखा गया कि यहां मंदिर हें तब से मंदिर की पूजा अर्चना किया जाने लगा है । आगे बताया कि हमारे बुजुर्गों ने बताया कि यह मंदिर काफी पुराना हैं |
यहां के जिला परिषद राजीव कुoमंडल, एवं ग्रामीण जय नरायण शर्मा का कहना हें कि जिला पदाधिकारी इस दुर्गा मंदिर पर विशेष ध्यान दै तो कर दार्शनिक अस्थान का दर्जा दिलाने में मदत करें जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार तो दूसरी तरफ राज्य सरकार का पर्यटन विभाग को भी राजस्व की प्राप्ति होगी|
Kumar Neeraj
Disclaimer : मंदिर के प्रति लोगो की आस्था से कई कहानिया प्रचलित है| इनकी प्रमाणिकता की पुष्टि कटिहार मिरर नहीं करता है |
©www.katiharmirror.com
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Mughal Era Durga Temple in Kadwa, Katihar |
पहले किसी को पता नहीं होने के कारण ये मंदिर काफी जंगली,पेड़ो सें घिरा हुआ था। जब लोगो ने जंगल साफ सफाई की तो देखा गया कि यहां मंदिर हें तब से मंदिर की पूजा अर्चना किया जाने लगा है । आगे बताया कि हमारे बुजुर्गों ने बताया कि यह मंदिर काफी पुराना हैं |
इस मंदिर के बारे मे पुराने बुजुर्ग लोगो ने बताया- कि हमारे बुजुर्ग लोग बताया करते थें कि एक रात में बाबा विशवकर्मा एक दुर्गा मंदिर और 101 पोखर का निर्माण किया था जो कुछ पोखर बचा हुआ हें और आजादी से पहले यहां पुजा पाठ भी हुआ करता था |लेकिन कुछ लोगों ने आजादी के बाद जमिनी रंजिश में पुजा बंद करवा दिया था और मंदिर के ईट घर ले जाने लगें,जो भी घर ईट घर ले गये थें,ऊनके यहां कुछ से कुछ घटना घटने लगा फिर वह लोग मंदिर के पास ईट को छोड़ गये तब जाके उनको शान्ति मिली ।कुछ उत्साही युवा और माता के भक्त ने पुजा और मंदिर को लेकर कमिटी गठित कर पूजा और श्रद्धालुओं के सुविधा को लेकर का इंतजाम किए गए साथी छोटे बच्चों के लिए मैला का भी आयोजन किया गया । यहां दुर दुर से सैकड़ो श्रधालुओं कि भीड़ भी जुट ने लगी हें |
यहां के जिला परिषद राजीव कुoमंडल, एवं ग्रामीण जय नरायण शर्मा का कहना हें कि जिला पदाधिकारी इस दुर्गा मंदिर पर विशेष ध्यान दै तो कर दार्शनिक अस्थान का दर्जा दिलाने में मदत करें जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार तो दूसरी तरफ राज्य सरकार का पर्यटन विभाग को भी राजस्व की प्राप्ति होगी|
Kumar Neeraj
Disclaimer : मंदिर के प्रति लोगो की आस्था से कई कहानिया प्रचलित है| इनकी प्रमाणिकता की पुष्टि कटिहार मिरर नहीं करता है |
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