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बदहाल आजमनगर का सरकारी अस्पताल |
जब कि स्वास्थ्य विभाग अपनी कमी को कागजों पर पूरा कर मंत्रालय को भेजते रहते हैं|वहीं संसाधन व स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी जस की तस बनी हुई है|खाश कर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवा हासिये पर रहने की वजह से झोला छाप कथित डॉक्टर चांदी काट रहे हैं|सरकार हेल्थ सेक्टर में बजट के साथ साथ सरकारी दवा व संसाधन पर्याप्त होने व जल्द कमी को दूर करने के दावे खोखले नजर आ रहे हैं|
ग्रामीणों की मानें तो आम लोगों की सेहत पर भी राजनीति करने से नेता व मंत्री नहीं हिचकते हैं|सड़क,बिल्डिंग,व अन्य कार्य युद्ध स्तर पर हैं.लेकिन स्वास्थ्य विभाग में संसाधन के अलावे दवा को लेकर वर्षों से सिर्फ दावे हीं किये जाते रहे हैं.ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा जिस अनुपात में मिलनी चाहिए नहीं मिल रही है|ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्वास्थ्य उप केंद्र संसाधनों व विभागीय शिथिलता कमी के कारण महज सोभा वस्तु मात्र बन कर रह गयी है|सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए पंचायत पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र तो बनाये लेकिन दशकों बाद भी इन अस्पतालों के ताले सिर्फ कागजों पर हीं खुलते रहे हैं|किसी सांसद विधायक मंत्री ने आज तक इसकी सुध क्यों नहीं ली है|जब कि क्षेत्र के मंत्री यदा कदा किसी आयोजन के मौके पर लोगों को सरकार के द्वारा अपनी उपलब्धि और किये गए प्रयासों के कसीदे कहते हैं|
जब कि जमीनी सच्चाई यही है.कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग झोला छाप अनुभवहीन कथित डॉक्टरों से उपचार कराना बेहतर समझते हैं.इस क्रम में अप्रिय घटना भी प्रकाश में आते रहे हैं|
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मो.मस्लेउद्दीन(मुखिया संघ अध्यक्ष प्रखंड आजमनगर,कटिहार) |
* कहते हैं मुखिया संघ अध्यक्ष:-* प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष मो.मस्लेउद्दीन ने कहा कि प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में सरकार ने वर्षों पूर्व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया तो जरूर लेकिन कईयों के ताले आज तक नहीं खुले और न हीं यहाँ सुविधाएं बेहतर भी नहीं है.इस दिशा में सरकार और उसके मंत्री को भी ध्यान देना चाहिए जनहित की बात है|
तुषार शांडिल्य
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