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बंगाल से सटा आजमनगर सीमा पर पुलिस के सूचक बोर्ड2वीरान बलियापारा मद्यनिषेध चेक पोस्ट |
यहाँ जवानों को भी शक्रिय किये गए बावजूद इसके चेक पोस्ट पर कम और विभिन्न मार्गों पर पकड़ी गई है|शराब की छोटी बड़ी खेप जो चेक पोस्ट पर तैनात जवानों के शक्रियता की पोल खोलने के लिए काफी है|जब कि बलियापारा चेक पोस्ट से बंगाल की सीमा काफी करीब ऐसे में आने जाने वाले पैदल लोगों के भारी थैलों की सघन जांच नहीं होती |
तस्वीरों में सहज देख सकते हैं.कि एक पैदल आदमी अपने कंधे पर थैला लिए बेख़ौफ़ सीमा पार कर आजमनगर थाना क्षेत्र की तरफ प्रवेश करते हैं|कुछ यही हालात टैंपो चालकों की भी है|जो प्रवेश करते और चेक पोस्ट के वीरानगी का फायदा उठाते हुए बेधड़क धूल उड़ाते रफ्तार भर निकलते रहते हैं|
तो सवाल उठता है.कि चेक पोस्ट पर तैनात जवान आखिर करते क्या है?जब कि चेक पोस्ट को मद्यनिषेध विभाग की तरफ से एक लग्जरी वाहन भी मुहैया है|जिस तरह लोग व वाहन चालक चेक पोस्ट के वीरानगी का फायदा उठा निकल रहे इससे तो यही लगता कि यहाँ से लगभग15किलोमीटर दूर थाने में बैठे थानेदार की आंखों में चेक पोस्ट पर तैनात जवान धूल झोंकने का काम करते हैं|
शराब बंदी कानून लागू होने के बाद चेक पोस्ट पर तैनात जवानों की शक्रियता से कितनी शराब की खेप पकड़ी गई इसका सहज अंदाजा थानें में दर्ज आंकड़ों से लगाया जा सकता है|हलांकि नए एसपी विकास कुमार के लिए शराब तस्करों पर शख्त कार्रवाई को लेकर सीमावर्ती राज्यों पर चेक पोस्ट को और शक्रिय करना बड़ी जिम्मेवारी होगी|मालूम हो एसपी विकास कुमार वर्षों पूर्व जिले के बारसोई सर्किल में बतौर डीएसपी अपनी सेवा दे चुके हैं|जाहिर सी बात कि उनके व्यक्तित्व में भी परिवर्तन हो सकता है|क्यों कि तब डीएसपी थे साहब अब एसपी बन कर जिले की कमान संभाले हैं.तो उनको जानने वाले लोग उनको उसी व्यक्तित्व में आज एसपी बनने के बाद भी समझ रहे हैं|ऐसे में इन सब बातों से ऊपर उठ बेहतर पुलिसिंग की जनता के बीच संबंध स्थापित करना भी बड़ी चुनौती के कयास लगाए जा रहे हैं|लेकिन एसपी विकास कुमार को करीब से जानने वाले यह भी बताते हैं.कि कार्य और कार्रवाई के प्रति कभी समझौता नहीं करते हैं|
तुषार शांडिल्य
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