
साथ ही कई गिट्टी के अबेध कारोबारियों खनन माफियो पर नकेल कसने को लेकर सरकार ने कई कड़े कानून बनाये पर भ्रस्त आधिकारियो की मिली भगत से कटिहार जिले के बिहार सरकार के खनन मंत्री के गृह जिले में ही बालू और गिट्टी का काला कारोवार बेरोक टोक चल रहा है |
बिहार सरकार द्वारा लागू खनन नीति सरकारी बाबु के अकर्मणता के चलते फेल होती दिखाई दे रही आम लोगों को आसानी से बालू-गिट्टी उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश की सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही आम लोगों को बालू-गिट्टी मिले, इसकी देखरेख के लिए सभी बालू घाटों और पत्थर खदानों पर अधिकारियों की तैनाती की गयी है. घाट से बालू लेकर निकलने वाली गाड़ियों की चेकिंग के लिए चेक पोस्ट बनाये गये हैं लेकिन ये महज कागजी खाना पूर्ति बन कर रह गयी है कटिहार के मनिहारी अनुमंडल के पूर्वी छेत्र अमदावाद का छेत्र तीन राज्यों की खुली सीमा से सटा सेकड़ो किलो मीटर का भू भाग मै फेला हुवा है जहा बालू और गिट्टी माफिया अपना सामंती राज्य कायम कर सरकार को रोजाना लाखो का राजस्व का चुना लगाया जा रहा है स्थानीय लोगो मदन महालदार ने बताया की बिहार मै बालू गिट्टी नहीं मिलने के कारन डिमांड अधिक रहने से बंगाल से लाकर बिहार मै सप्लाई करते है छोटू और राकेश कुमार ने बताया की बिहार सरकार की नई खनन निति लागू होने से पश्चिम बंगाल के माफियाओं की चांदी कट रही है |
नई खनन नियमावली के अनुसार खनन विभाग ने शक्ति बरतने से बिहार के खदानों से बालू का उठाव सीमित मात्रा में हो रहा है अहमदाबाद के गोबरा घाट पर नदी के उस पार से पश्चिम बंगाल के दिनाज पुर से धड़ल्ले से बालू की धुलाई नाव से करके विभिन्य गाडियों से मनिहारी अहमदाबाद में प्रशासन के नाक के नीचे पश्चिम बंगाल से अवैध बालू से मंगा कर खरीद बिक्री का गोरख धंधा जोरों पर हो रहा है बालू तस्करी को लेकर बिहार सरकार ने सभी जिले मै अधिकारियो को प्रीतिन्युक्त कर लघु खनिजों की फिलहाल बफर स्टॉक से बिक्री शुरू कर दी है साथ ही जिले के आला अधिकारी को नजर रखने को कहा है |
इस मामले मै कटिहार के जिला पदाधिकारी मिथलेश मिश्रा ने बताया की जानकारी हमे हुयी है जिले के मायनिंग पदाधिकारी के साथ सेफ के जवान होमगार्ड के जवान को लगा दिया गया है उचित कार्यवाही कर fir करने का आदेश दिया गया है बालू की किल्लत रोज कमाने खाने वाले दुकानदारों, ठेकेदारों, मिस्त्री-मजदूरों पर पड़ रहा है बालू की आसमान छूती कीमतों की वजह से लोगों ने आशियाने के निर्माण कार्य फिलहाल बंद कर दिया है। जिससे छड़, सीमेंट, गिट्टी, बालू का रोजगार करने वाले दुकानदारों में मंदी छा गई है। ईट-भठ्टा, चिमनी का रोजगार करने वाले व्यवसायी ईंट की बिक्री नहीं होने से परेशान दिख रहे हैं। सबसे खस्ता हाल दिहारी करने वाले मजदूरों की है। जिसके चूल्हे प्रतिदिन मजदूरी करने के बाद ही जलते हैं वैसे मजदूर अब पलायन को विवश हो रहे हैं अगर नहीं निकले तो इन बालू माफिया के साथ रहने से पुलिस का FIR होने का डर बना रहता है Kumar Neeraj:
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