
सी मान्यता है की प्राचीन काल में भगवन विश्वकर्मा ने ही स्वर्ग की रचना की थी|
मान्यता के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने ही लंका ,हस्तिनापुर और द्वारका का भी निर्माण किया है|
इतना ही नहीं विह्वाकर्मा धातुओं के भी रचयिता है|
भगवन विश्वकर्मा को अस्त शास्त्रों का भी रचयिता कहा जाता है|
इस दिन सभी कारखानों आदि में विश्वकर्मा की पूजा की जाती है| लोग अपने वाहनों की भी पूजा करते है|
विश्वकर्मा पूजा हर साल बंगाली महीने भद्र के आखिरी दिन पड़ता है जिसे भद्र संक्रांति या कन्या संक्रांति भी कहा जाता है।
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