
गोडाउन में सरकारी अनाज सड़ रहे हैं और बाढ़ पीड़ित भूखे मर रहे हैं- काज़िम इरफानी
आइसा बारसोई अनुमंडलीय कमिटी की बैठक आइसा संयोजक कॉमरेड इ. मोअज़्ज़म हुसैन की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में दिल्ली RYA के साथी ज़ीशान अहमद ने कहा कि यह बाढ़ पूरी तरह से सरकार की आपराधिक कृत्य का नतीजा है, उन्होंने कहा कि सीमांचल और कोशी क्षेत्र में नेपाल सरकार द्वारा भारी मात्रा में पानी छोड़ने की वजह से बाढ़ की स्तिथि उत्पन्न होती है मगर बिहार सरकार बाढ़ के पानी का आजतक कोई निदान नही निकाल पाई है। वहीं आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष काज़िम इरफानी ने कहा कि बारसोई अंचल कार्यालय से कटिहार जिलाधिकारी को रेस्क्यू ऑपरेशन में त्राहिमाम संदेश देने के बावजूद 24000 (चौबीस हज़ार) क्विंटल चावल की मांग की गई और जिला प्रशासन ने मात्र 124 क्विंटल चावल भेजा जो कि किसी तरह से एक पंचायत के लायक अनाज था। उन्होंने कहा कि सरकारी गोडाउन में अनाज सड़ जाते हैं और बिहार में बाढ़ पीड़ित व्यक्ति दाने दाने को मोहताज है।
इ. मोअज़्ज़म हुसैन ने बताया कि आगामी 31 अगस्त को इमादपुर में बाढ़ पीड़ितों की जायज मांगों को लेकर सड़क मार्ग जाम किया जाएगा।
आज आइसा का 10 सदस्यीय टीम बारसोई अंचल पदाधिकारी से मिलकर बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सवाल खड़ा किया, भाकपा माले नेता कॉमरेड शाहबुद्दीन ने कहा कि बारसोई अंचल पदाधिकारी से आधार कार्ड की अनिवार्यता पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई और आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म किया गया, आइसा इसको अपनी जीत मानती है।
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